पचमढ़ी के जंगलों में एक जंगली प्याज पाया जाता है जो की वजन में 30 से 40 किलो तक हो जाते हैं इस प्याज से रेशे (फाइबर) निकलते हैं जो की हड्डी में लुब्रिकेशन खत्म हो जाता है उसको वापस से तैयार करने में सहयोग करता है।
पचमढ़ी के जंगलों में एक जंगली प्याज पाया जाता है जो की वजन में 30 से 40 किलो तक हो जाते हैं इस प्याज से रेशे (फाइबर) निकलते हैं जो की हड्डी में लुब्रिकेशन खत्म हो जाता है उसको वापस से तैयार करने में सहयोग करता है। इस प्याज को सरसों के तेल में डालकर साथ ही साथ दारू हल्दी धतूरे के जड़ और अन्य जड़ी बूटी तेल में पकाया जाता है। इस तेल से चलने फिरने वाला छोटा-मोटा दर्द एक बार में पूरी तरह से ठीक हो जाता है। और जिन्हें काफी लंबे समय से दर्द है, 10 से 15 साल पुराना दर्द भीे इससे 40 दिन की मालिश में जड़ से ठीक हो जाता है।
निवेदन: इस तेल से किसी भी प्रकार का दर्द 10 से 12 दिनों में ठीक हो जाता है पर दर्द को जड़ से ठीक करने के लिए 40 दिन अवश्य लगाएं।
प्रयोग विधि - दर्द वाली जगह पर इस तेल से हल्के हाथों से 1 मिनट मालिश करें। फिर उस स्थान को कपड़े या कंबल से ढक दें।
इस तेल की तासीर गर्म होती है, जिससे यह रोमकूपों के माध्यम से शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है, और तेल में मौजूद जड़ी-बूटियां अपना काम शुरू कर देती हैं।
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